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Showing posts with the label Hind love story

A story (एक कहानी)

                      A story... (एक कहानी)                      (Short story in shayri)   # कितने दिनों बाद याद में तुम्हारी लिख रहे है...     हाँ यादे हमारी लिख रहे है।।           -shivam kushwaha # अक्सर अकेले में याद तुम्हारी बहुत आती है...    तुम दूर जो रहते हो लेकिन ख़्यालों में पास बहुत    आते हो।।                  -shivam kushwaha # मुलाकातो की हमारी वो शामें आज भी याद है...    तुम्हारे साथ घास पर वो नंगे पांव चलना आज भी     याद है।।                   -shivam kushwaha # इन पांव की धड़कन अक्सर वही रुक जाती थी...    तुम जो शाम को यूँ पलट कर चले जाते थे।।    ...

किस्से व्हाट्सएप के... (हमारी अधूरी सी पूरी कहानी)

किस्से व्हाट्सएप के...                   (हमारी अधूरी सी पूरी कहानी) -ok to ye final gud bye??? -Ha, kyu abhi bhi kuch baki hai hamare beech kya?? -Nhi... -To final gud bye.. -Ok bye...     Can't reply You are blocked by contact तो कुछ ऐसी थी हमारी वो आखरी बात । गलती किसकी थी पता नही शायद किसी की नहीं या फिर शायद हम दोनों की नज़रों की थी  ? उसने हमेशा मुझे जिंदगी के हर कदम पर साथ देखा और मेने उसे अपने हर लम्हे के हर पल में साथ देखा। तो सुनोगे हमारी कहानी शायद हमारी अधूरी सी पूरी कहानी... वो सुबह बस स्टॉप पर बस का इंतज़ार कर ही रहा था, ओर जैसे ही बस आयी में चढ़ने ही वाला था की एक लड़की मुझसे टकरा गई, कुछ जल्दी में थी वो बहुत हाँफ भी रही थी। में ध्यान हटा कर बस में चढ़ गया, लेकिन ये क्या वो लड़की भी बस में चढ़ गई। बहुत भरी थी बस लेकिन उसको में देख सकता था, अभी भी हाँफ रही थी, धीरे धीरे मेरे पास ही आ कर खड़ी हो गयी । बाल जुड़े में थे चेहरा पूरा पासीने से था लेकिन वो एक साइड का डिंपल उसे ओर भी ज्यादा खु...

KAHANI- 90's childhood story- 2 (Cute love story)

1st part- 90's childhood story-1               शक्तिमान शक्ति शक्ति शक्तिमान चिल्लाते हुए में दौड़ कर घर पहुँचा , यही तो था हमारा सुपरहीरो। मेने बैग एक तरफ फेक कर टीवी को on किया लेकिन दीदी को तो मेरी खुशी देखी नही जाती तुरन्त चिल्लाई "मम्मी ये देखो प्रतीक ने कपड़े भी नही उतरे और टीवी पर बैठ गया और इसको बोलो टीवी बन्द करे कल मेरा बोर्ड का आखिरी पेपर है।" सच मे बड़े भाई बहनों को छोटो की खुशी देखी नही जाती है। में गुस्से अपने कमरे मे जा कर अपने WWF कार्ड से खेलने लगा। छुट्टी में क्या है जिंदगी सबुह आराम से जगाना कोई नही टोकने वाला।  जितना मर्ज़ी उतना खेलना।  वैसे भी कल दीदी का आखिरी पेपर फिर तो हम नाना जी के घर चले जायेंगे खूब मस्ती करेगे। अगले दिन हम सब मे, दीदी और माँ ट्रैन से नाना जी के घर निकल गए पूरे साल का सबसे अच्छा टाइम ट्रैन से ये 10 घण्टे का सफर में बड़ा मजा आता था। नाना जी के घर कुछ दस दिन रहने के बाद हम सब वापस आ रहे थे, क्योंकि इस बार दीदी के कॉलेज अड्मिशन भी होना था, तो हम जल्दी लौट कर आ गये। जब वापस आया तो एक दिन अक्षत घर आया बोला...

kahani - You are my Soulmate or love?

          You are my Soulmate or love? एक रोज जब तुमसे 2 दिन बात नही हुई ओर तीसरे दिन शाम को बात हुई उस रात नींद हमको नही आ रही थी तो सोचा एक बात हमारी तुम्हारी लिखू.. एक खत तुम्हारे लिए लिखू। बस ये डाक से नही मेरे एहसास से तुम तक जाएगा चलो महसूस कराते है तुमको एहसास हमारे... Dear jalebi आज jalebi लिख रहा हूँ little heart फिर कभी ये सच है तुमसे प्यार है या नही पता नही, वैसे हम क्यों करे प्यार तुमसे तेरी इस रूह को मेरे इस शरीर से नही निकाल सकते , तो कैसे प्यार करे तुमसे। काश निकाल पाते तो जरूर मोहब्बत होती तुमसे। अच्छा पुरानी यादों की एक कहानी सुनोगी , वो शाम याद जब हम घर पर थे और तुमने फ़ोन करके बोला था हमने उसको हाँ कर दी तब एक ही सवाल मेरा था क्यों? और तुमने वो एक जवाब दिया जो कभी नही भूलेंगे जाने दो उस दिन से फिर भी हम रोज मिलते और बातो में हम दोनों का एक एहसास था । वो पार्क में जब पहली बार हाथ पकड़ा था तुम्हारा ओर तुमने कुछ नही बोला वो तुम्हारे हाथ  की गरमाहट का एहसास आज भी मेरे हाथ मे है। फिर जब तुम दूर जा रही थी , आँ...

KAHANI - LOVE IN TRAIN- 4 (मोहब्बत का सफर)

Love in train (part-3 सुबह के सूरज की रोशनी खिड़की से सीधे प्रतीक के मुँह पर पड़ते हुए उसको एक नई सुबह का एहसास करा रही थी। आँखे जब नीचे झुकी देखा निषी उसकी गोद में सर रख कर सो रही थी। ना जाने क्यों प्रतीक की हिम्मत नही हुई उसे उठाने की बस एक नज़र उसे देखता रहा, वो मीठी धूप निषी के चेहरे को एक अलग ही चमक दे रहे थी। प्रतीक ने धीरे धीरे से उसके चेहरे पर आते बालों को हटा दिया, लेकिन तभी निषी की आँख खुल गयी। खुद को प्रतीक की गोद में देख उठी और बोली - "सॉरी वो रात को याद नही रहा होगा।" "अरे कोई बात नही।" प्रतीक हँसते हुए बोला। थोड़ी देर बाद अब दोनों अपनी सीट पर चुपचाप बैठे खिड़की के बाहर वो बर्फीले पहाड़ो का देख रहे थे ट्रेन सिक्किम मे आ चुकी थी। बस कुछ घण्टो का सफर और बाकी था। तभी चाय आती है। प्रतीक केबिन की शान्ति को तोड़ते हुए पूछता है - "तुम घर से क्यों भाग कर आयी हो?" निषी हँस देती कहती है - "में ऐसी ही हूँ वो मुझे मज़ा आता है, ऐसा पागलपन करने में वैसे घर पर एक छोटा सा खत छोड़ कर आयी थी।" प्रतीक चौकते हुए "घर में सब परेशान नही होते है?" ...

KAHANI - LOVE IN TRAIN- 3 (मोहब्बत का सफर)

Love in train (part-2)                     "अरे तुम्हारी आँख में आँसू , तुम रोती भी हो प्रतीक निषी को देखते बोला। तभी प्लेटफार्म की लाइट एकदम से बंद हो जाती है, निषी पलट कर प्रतीक से चिपक गयी। प्रतीक इस अचानक मिलन से चौक गया, लेकिन उसके उदास मन और डरे हुए चेहरे को देख कुछ नही बोल पाया, पहली बार कोई लड़की उसके इतने करीब थी इसीलिए सोच ही नही पाया कि क्या करे।  प्रतीक ने महसूस किया उसकी धड़कन निषी की धड़कन की आगे बन्द हो चुकी है और निषी का दिल डर से इतनी तेज़ धड़क रहा था, कि वो उसे अपने सीने में महसूस कर सकता था । तभी खुद को संभालते हुए निषी के सर पर हाथ रखते हुये प्यार से उसके कान में बोला- "डरो मत में हूँ ना, अच्छा अब घर फ़ोन लगा दो और बता दो मे प्रॉब्लम में हूँ।" तभी लाइट आ जाती है निषी खुद को प्रतीक के साथ से देख खुद एकदम से अलग करती है। उसकी आँखे में उसका शरमाना प्रतीक साफ साफ दिख रहा होता है, फिर वो अपना फ़ोन देखती है लेकिन फ़ोन उसके पास नही होता है। "फ़ोन ट्रेन में ही है, क्या करूँ? अब में इस अंजान जगह रात के 12 बजे किसी दानापुर स्टेश...

KAHANI- LOVE IN TRAIN-2 ( मोहब्बत का सफर )

Love in train (part-1)               छुक छुक छुक चलो ये चली रेलगाड़ी............. ट्रेन कानपुर सेंट्रल से निकल चुकी है, धीरे धीरे कानपुर पार करती है। अरे ये क्या दोनों अभी भी एक ही केबिन में! लेकिन ये क्या दोनों एक दूसरे की तरफ देख भी नही रहे है। प्रतीक मन में बड़बड़ाता है टी.टी. सच में कमीना है एक सीट जुगाड़ नही करा सकता है, इतनी फुल है ट्रेन क्या? तभी नजर खिड़की के बाहर पड़ती है, बने वो झोपडी घरो पर गरीबी और गंदगी में रहते लोग और इतनी ठंड में कम कपड़ो में खेलते बच्च्चे जिनको बस अपनी दुनिया से मतलब है। तभी कानपुर की एक अलग खूबसूरती गंगा नदी।  ट्रेन अपनी रफ्तार से चल रही थी और प्रतीक दरवाजे पर खड़े हो पीछे भागती खूबसुरती को कैद करता है। और ट्रेन संगम के अर्धकुम्भ से प्रयागराज स्टेशन पर आ चुकी थी, प्रतीक केबिन में अंदर आया देखा निषी खिड़की बैठी थी, तभी अजानक लगे ब्रेक से उसकी नजर सीट के नीचे से निकले उस झुमके पर पड़ी जो अभी भी नीचे था शायद लड़ाई के चक्कर में उसे दोनों लोग उठाना भूल गए।  प्रतीक ने झुक कर उसे उठाया तो निषी देख बोली - "ये मेरा है मुझे ...

KAHANI - LOVE IN TRAIN-1 (मोहब्बत का सफर)

" भाई कहाँ की तैयारी आज इतनी जल्दी क्यों निकल रहा है घर ?" किसी ने प्रतीक के केबिन का दरवाजा खोलते हुए पूछा, प्रतीक फाइलो को अलमारी में लॉक करते हुए पलटा देखा दरवाजे पर ऋषभ खड़ा था। ऋषभ ने फिर इशारे से पूछा- कहाँ ?  प्रतीक जल्दी- जल्दी अपने काम में व्यस्त होते हुए बोला "बाजार जाना है तू भूल गया कल ट्रेन है, मेरी निकलना है, तू भी बाजार चल शॉपिंग करनी है ।"   "Ok wait 10 min, you just lock your cabin i am coming" ऋषभ बोलते हुआ चला गया।  ऋषभ और प्रतीक एक ही ऑफिस में  साथ काम करते और flatemate और कॉलेज टाइम से पक्के यार है । प्रतीक को कल दार्जलिंग जाना है घूमने तो उसी के लिए शॉपिंग करनी है। दोनों ऑफिस के काम खत्म करके  शॉपिंग के लिये निकल जाते है । दोनों शॉपिंग खत्म करके लोट रहे थे तभी रस्ते में ऋषभ प्रतीक की तरफ गुस्से से देखता है, प्रतीक अनजान बनते हुए बोलता है "क्या? मेने क्या किया यार अब  यार उसको एक्स्ट्रा पैसे क्यों दू जब उसका रेट कम है।"  "कमीने इतना पैसा कहाँ ले जायेगा तेरे पापा इतने बड़े आदमी फिर भी तू इतना मोलभाव करता है, क्या हो जायेगा,...

KAHANI- पहली मुलाकात (एक एहसास तुम्हारा)

Semster holidays बस ख़त्म होने ही वाली थी और उससे बाते कभी पूरी ना होती थी। ना जाने क्यों इस बार घर से हॉस्टल आने पर बुरा नही लग रहा था, ना मन उदास था शायद उससे मिलने के लिए उसे मनाने की कोशिश में वो मान गयी थी। और हम कही और खो गए थे कैसी होगी हमारी पहली मुलाकात क्या खास होगा हमारे साथ ? वो एक शाम जब हम message पर बातो में लगे थे। mobile पर चलते वो तेज़ हाथ बता रहे थे की कितना इंताजर है हमको उनके आने वाले reply का। Me : तो क्या सोचा है तुमने या फिर आज भी ना ही सुनने को मिलेगा हमको ?? She : यार तुम भी!! पहले आ तो जाओ  यहाँ घर से फिर सोचोगी। Me : अभी भी सोचना है तुमको !! हद हो गयी वैसे एक बात बोलू ? She : हाँ जरूर बोलो वैसे भी में मना भी करुँगी तो तुम बोलोगे इतना हक़ तो तुम पर हे ही तो बोल ही लो। Me :कुछ भी ना बोला करो यार वैसे तुम पहली लड़की हो जिसने अपनी pic देने की जगह अपना no. दिया है। very unique. She : i don't like click pics, that's why i don't give. और नंबर दिया तो कम से कम तुम्हारी इतनी प्यारी आवाज तो सुनने को मिल गयी। Me : फिर फालतू बाते की तुमने यार। She : अच्...