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KAHANI- पहली मुलाकात (एक एहसास तुम्हारा)



Semster holidays बस ख़त्म होने ही वाली थी और उससे बाते कभी पूरी ना होती थी।

ना जाने क्यों इस बार घर से हॉस्टल आने पर बुरा नही लग रहा था, ना मन उदास था शायद उससे मिलने के लिए उसे मनाने की कोशिश में वो मान गयी थी। और हम कही और खो गए थे कैसी होगी हमारी पहली मुलाकात क्या खास होगा हमारे साथ ?
वो एक शाम जब हम message पर बातो में लगे थे। mobile पर चलते वो तेज़ हाथ बता रहे थे की कितना इंताजर है हमको उनके आने वाले reply का।

Me: तो क्या सोचा है तुमने या फिर आज भी ना ही सुनने को मिलेगा हमको ??
She: यार तुम भी!! पहले आ तो जाओ  यहाँ घर से फिर सोचोगी।
Me: अभी भी सोचना है तुमको !! हद हो गयी वैसे एक बात बोलू ?
She: हाँ जरूर बोलो वैसे भी में मना भी करुँगी तो तुम बोलोगे इतना हक़ तो तुम पर हे ही तो बोल ही लो।
Me:कुछ भी ना बोला करो यार वैसे तुम पहली लड़की हो जिसने अपनी pic देने की जगह अपना no. दिया है। very unique.
She: i don't like click pics, that's why i don't give. और नंबर दिया तो कम से कम तुम्हारी इतनी प्यारी आवाज तो सुनने को मिल गयी।
Me: फिर फालतू बाते की तुमने यार।
She: अच्छा friend बुला रही है में जा रही हु bye.
Me: अरे एक बात तो सुन लो........
Me: चली गयी बिना सुने पागल।

एक मिलने का इंतज़ार है हमको तुमसे...
दो कदम साथ चलने की चाहत है तुमसे।।

She: सॉरी अरे वो उसको जरूरी काम था यार।
Me: its okk तुम बस यूँ ही इन हाथों की धङकन  को रोक देती हो यार।।
She: फिर लाइन चिपका दी, बताओ कोन सी बात सुना रहे थे ?
Me: एक surprise है तुम्हारे लिए।
She: क्या??
Me: हम रास्ते में  है बस 3 hour में hostel पहुँज जायेगे।
She: what?? तुम अब बता रहे हो। ok its gud.
Me: एक बार फिर, क्या कल हमारी मुलाकात होगी??????
She: सोचने दो।
Me: ok i can wait.

एक तेरी हाँ सुनने की चाहत है मुझको...
बस तेरी आँखों में खुद को देखने की चाहत है मुझको।।

She: ok एक शर्त पर ।
Me: ok सारी शर्त मंजूर है।

कुछ ऐसी थी उस शाम की बाते हमार। पागल थे हम उस पहली मुलाकात के लिए उस रात नींद भी आने को मंजूर ना थी।
अरे उसकी शर्त बताना तो भूल गए, हाँ तो बोली थी की सुबह 6:30 पर मिलना और साथ मेरे class तक चलना बस मिल लेंगे हम। कुछ अलग थी ये शर्त लेकिन मंजूर थी हमको बस मिलना था उनसे,
उस रात इसी परेशानी में थे की क्या पहनू? पहली बार हम  सुबह 5 बजे तैयार हो गये।
पहली मुलाकात का नशा था इसीलिए टाइम से 30 मिनट पहले ही पहुँज गये। उफ़ फिर ये एक इंतज़ार....
"अरे ऐसे कैसे तुमसे बिना मिले? हमको भी तुमको देखना है जल्दी से आओ।" अरे हाँ हमने उसको अभी तक देखा ना था ना सच में ना तस्वीर में।

2 मिनट में एक सिंपल सी लड़की की मेरे सामने थी बिलकुल सिंपल। 
वो पहली मुलाकात का पहला सफर हमेशा याद रहेगा में जो इतनी बाते करता था आजनक  शांत हो गया दिमाग बिल्कुल बन्द हो गया की क्या बोलू?

"अरे चलोगे साथ में या नही कहाँ खो गए ?"  वो बोली।

इतनी सादगी एक लड़की में पहली बार देखी थी। ना कोई दिखावा ना कुछ हम फ़िदा हो गये थे।  
चलते उसके साथ कदम और बस एक दूसरे के ख्यालो को समझने की कोशिश में थे। हॉस्टल से कोचिंग का रास्ता कब खत्म हो गया पता ही ना चला। 
बस थोडी सी बातें हुई हमारी  होती भी कैसे उसके कदम से कदम मिलने में ही खो गए थे ना जाने क्यों एहसास था ये साथ हमेशा साथ रहेगा और आखिर में बस एक ही बात थी हमारी जुबां पर की अब  ये दूसरी मुलाकात का इंतज़ार कब तक करना है? और वो मुस्करा कर कोचिंग के अंदर चली गयी। 

तो कुछ ऐसी थी उसकी सादगी की तरह एक सोच से भी खूबशूरत पहली मुलाकात हमारी कुछ अलग और कुछ खास थी  पहली सुबह  की मुलाकात एक उगते सूरज की किरण की तरह सुबह मेरी जिंदगी में आई है वो मेरे।
आँखों में आज भी वो मुस्कराती तस्वीर है उसकी।
                                      ....

विशेष चेतावनी : कहानी में अगर हम खुद को एक character  के रूप में दिखते है मतलब ये नही की कहानी हमारी है।
कृपया हमारी जिंदगी के बारे में गलत ना सोचे।

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