यूँ तुम्हारा घण्टो फ़ोन पर फालतू बाते करना और में जो रूठ भी जाऊ तो तुम्हारा छट से मना लेना क्या था वो सब महज दिखवा था या बस समय की ज़रूरत।
ये सोच ही रही थी सान्या तभी अदितीं उसके पास आके उसे सपने से निकलते हुई बोली " चलना नही यार क्या सोच रही हो ?"
बाहर चलते हुए सान्या बार बार अपने फोन को देखती कही कोई कॉल या मैसेज तो नही आया।
फिर परेशान देख अदितीं बोली "यार कहाँ खो जाती हो तुम जल्दी चल बहुत ख़रीददारी करनी है कल से कॉलेज भी जाना है और 8 बजे हॉस्टल की एंट्री भी बंद हो जायेगी।"
"कही नही बस हर बार जब भी बिन बताये कही जाती थी तो पता नही कैसे फ़ोन आ जाता था लेकिन आज..." उदास मन से इतना बोलते ही सान्या रुक गयी।
रात को जब सारी खरीददरी करके वापस आये तो ज्यादा थकन के कारण दोनों बिना कुछ खाये सो गई । आजनक भूख लगी तो दोनों उठी और सान्या मैग्गी बनाने लगी जिसकी हर इंजीनियर की अपनी कॉलेज लाइफ में सबसे ज्यादा ज़रूरत होती अगर ये मैग्गी ना होती तो ना जाने कितने इंजीनियर भूख के कारण परलोक सिधार गये होते।
सान्या मैगी की प्लेट अदितीं को पकड़ते हुए खुद खिड़की के पास बैठ के खाने लगी तभी अदितीं उसके पास आके बोली- "क्यों उसको याद करती हो छोड़ गया तुमको, भूल जाओ इतनी खूबशूरत हो ना जाने कितने लड़के मारेगे तुझ पर बना लेना किसी को भी bf अपना।"
सान्या हल्की सी मुस्कराहट के साथ बोली-प्रतीक नाम है उसको और पता है प्यार शायद हमको भी उससे कभी नही था। लेकिन एक कसक है जानने की क्या था वो? हमेशा बोलता था girlfriend मत बनना कभी ना मेरी और ना किसी और की क्योकि ये रिश्ता जरूर टूट जाता है। लेकिन मेरी ज़िद के आगे वो भी झुक गया और बन गये हम gf bf और और टूट गयी हमारी दोस्ती और वो gf bf का रिश्ता भी।
"अच्छा अपने और उसके बारे में बताएगी कुछ अगर तेरा दिल हो तो" अदितीं ने जानने की उत्सुकता से पूछा। कुछ सोचते हुए सान्या बोली - "अच्छा सुनाती हूँ ये अजीब हमारी कहानी..."
"हाँ हाँ अब ज्यादा ना बोलो तुम और तुम कैसे झेल लेते हो मेरा ये attitude ज़रा बतना" में हँसते हुए बोली।
"अरे बस यही तो कला है और हमारा राज़ भी एक बात बोलू" प्रतीक ने फिर हँसते कहा।
हाँ बोल लो अब तुम जो बोलना है।
प्रतीक बोला- "यार तुम मुझसे क्यों बाते करती हो क्या पसन्द करती हो मुझे तुम ?"
ये सुन के एकदम चौक गयी फिर कहा- "अरे नही ऐसा कुछ नही है यार बस अच्छा लगता है तुमसे बाते करना।"
उस दिन उसने मुझसे कबूल करवा ही लिया की में उसे पसंद करती हूं।
ऐसे ही एक दिन "यार कब से बोल रहा हूँ मिलना है, तुमसे मिलने का भी टाइम नहीं है तुम्हारे पास" प्रतीक गुस्से में बोला।
मेने भी बोल दिया- "मुझको नही मिलना अभी अजीब सा लग रहा है।"
ठीक है में जबरदस्ती मिल लूँगा बिना बताए फिर बोलना तुम।
में हँसते हुई बोली- "अच्छा कैसे जब मेरा ही मन नही है में भी देखू ज़रा कैसे मिलोगे?"
"ठीक है आज शाम को मुलाकात होगी हमारी" प्रतीक बड़े जोश से और विश्वास से बोला।
में भूल गयी थी उसे मेरे कोचिंग और उसके समय के बारे में पता था। अरे हाँ हम अभी तक मिले नही थे और वो दिन भी बहुत प्यारा था 7 फरवरी मोहब्बत के हफ्ते की शुरुवात थी। थोड़ी देर बाद में कोचिंग चली गई, लेकिन कोचिंग से जब बाहर आयी बस चार कादम चली ही थी।
तभी एक लड़का बगल में साथ चलने लगा अंधेरे में ज्यादा ध्यान से नही देखा लेकिन जब वो बोला, "अरे सान्या बोलोगी नही" वो प्रतीक की आवाज थी।
मे डर ही गयी और बोली- "पागल हो पूरे तुम यही बगल में मेरा हॉस्टल हैं यार पागल कही और चलो।"
उस दिन हमने सड़क पर 20 मिनट घूमे और आइसक्रीम खायी। लेकिन किसे पता था वो हमारी पहली और आखिरी मुलाकात थी। उस दिन से फिर हम फोन पर बाते करते। लेकिन कोचिंग ख़त्म होने के कारण 5 मार्च को मे घर चली गयी।
उदास हम दोनों थे पता नही अब कब मिलेगे।
हम और भी ज्यादा बाते करने लगे लेकिन पता नही क्यों अजानक हमारी बाते भी कम होने लगी, मे अपने कॉलेज एडमिशन के लिए व्यस्त होने लगी और वो अपने कॉलेज के सेमस्टर एग्जाम में।
धीरे धीरे अब हम बाते ही नही करते कभी वो व्यस्त तो कभी मे व्यस्त रहती। हम समझने लगे थे ये gf bf का रिश्ता टूट रहा था और शायद हमारी दोस्ती का भी, एक दिन हुई लड़ाई ने सब ख़त्म कर दिया, ना उसने कुछ समझा ना मेने, सच ही बोलता था वो बहुत attitude है मुझमे, उस दिन दिखा भी दिया। बस अब हम यहाँ और वो वहाँ, इतनी सी कहानी हमारी ।
"अरे अब तू कहाँ खो गयी कहानी ख़त्म हो गई।" सान्या प्लेट नीचे रखते हुए बोली।
"कुछ नही यार बस एक बात तो है ना तू उसे समझी ना वो खुद को, सच में ना तुझे ना उसे gf bf की जरूरत थी।" अदितीं ने कहा।
"चल सो जा कल टाइम से कॉलेज पहुँजना है पहला दिन है।" सान्या ने बिस्तर में जाते हुए कहा।
अरे सुन सुन सान्या एक बात बोलू,
हाँ बोल तू अब क्या बोलना है?
अच्छा सुन
अदितीं बिस्तर पर खड़े होते हुए बोली - "मे अदितीं आज सान्या की कहानी को साक्षी मान कर शपथ लेती हो जब तक मोहब्बत नही होगी में कभी ये gf bf का रिश्ता नही बनाऊँगी।"
सान्या हँसते हुए बोली- "तू पागल है चल सो ले अब।"
कहते है ना समय सब गम भुला देता है तो सान्या भी कॉलेज लाइफ में ख़ुशी से सब भूल गयी थी, लेकिन एक शाम एक मैसेज ने उसे एहसास कराया की प्रतीक ने बात सही बोली थी की प्रतीक कभी दोस्ती नही तोड़ता वो मैसेज प्रतीक का था सान्या ने दिन देखा और और मैसेज पड़ने लगी।
"हे सान्या केसी हो मुझे पता है बहुत नाराज हो लेकिन मेने कहा था ना टूट जाता है तो टूट गया लेकिन ये दोस्ती क्यों टूट गयी गलती हमारी शायद ज्यादा थी हम ने खुद को समय के साथ बहका दिया लेकिन माफ़ करदे यार क्या हम वो दोस्ती को जोड़ सकते है एक बार बस एक दोस्ती। bye"
सान्या रो रही थी समझ गयी थी दोस्ती ही थी जो आज 7 फरवरी को मैसेज आया और बस एक रिप्लाई किया "मुझे भी माफ़ कर दे और हाँ हम दोस्त हैं दोस्त रहेंगे ये दोस्ती ना टूटेगी कभी भी और आज तेरी आइसक्रीम बहुत याद आ रही है। bye"
तभी अदितीं कमरे आते ही सान्या को मुस्कराते देख बोलती है अरे ये मोगेम्बो इतना खुश कैसे ?
सान्या उसे जैसे ही मैसेज पढ़ती है अदितीं उछल कर बोलती है चल आइसक्रीम खिला। दोनों कैंटीन में आके आइसक्रीम खाते है।
तभी अदितीं पूछती है अब बता क्या था वो सब ? सान्या मुस्कराते हुए बोली "एक गलत राह जाती दोस्ती लेकिन अब नही।"
तभी एक कॉल आता है और एक बार लिए फिर घंटो बाते करते है दोनों सारी नाराजगी खत्म करते है।और फिर एक दोस्ती की शुरुवात हो जाती है।
समाप्त
विशेष जानकारी: हर कहानी लव स्टोरी नही होती है।
और हर कहानी हमारी नही होती अतः कृपया घूर कर हमारे बारे में कुछ ना सोचे।
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