एक खत (A letter)
कहानी खत की...
"कहानी आज की है बस अंदाज जरा पुराना हैं।।"
"जिंदिगी "आज रेलवे प्लेटफॉर्म पर रेलगाड़ी के इंतज़ार में समझ आया ये रेलगाड़ी मंजिल पहुँजने तक न जाने कितने पड़ाव पर रुकती है और हर पड़ाव पर नए नए मुसाफिर मिलते है । ऐसे ही मेरे जिंदगी के एक पड़ाव पर वो मिली थी मुझको ।
कुछ खास हमसफ़र सी थी वो जो अक्सर जिंदिगी की ओर रेलगाड़ी की आखरी मंजिल तक साथ रहते है।
एक खत उसी एक हमसफर के नाम...
कुछ खास हमसफ़र सी थी वो जो अक्सर जिंदिगी की ओर रेलगाड़ी की आखरी मंजिल तक साथ रहते है।
एक खत उसी एक हमसफर के नाम...
Dear little heart
तुम्हारी ये दूरियां रास न आती है मुझको इसलिए आज फिर उन रास्तो पर निकला हूँ जिन रास्तों पर हम पहली बार मिले थे और हाँ आज हम फिर से सफेद शर्ट में थे।
उस दिन तुम्हारा जन्मदिन था और तुमने बतया भी ना था पता है बिना तोहफे के पहुँजना कितना अजीब लगता है बाद में कितना बुरा लगा था हमको।
जाने दो आगे सुनो
आज ना जाने क्यों उस रास्ते के हर कदम पर ऐसा लगा तुम मेरे कदम से कदम मिला कर चल रही हो।
उस रास्ते से वापस आज भी अकेले आने कि हिम्मत बड़ी मुश्किल से हुई डर था शायद तुम न साथ हो ।
तुम्हारा वो park में मस्ती करना यूँ ही तुम्हारा बेवजह परेशान करना लेकिन आज कुछ सुना सा था वो पार्क शायद तुम जो ना थी। हाँ दूर पड़ी उस bench पर जहाँ तुम general knowledge के question पूछती थी उस पर बैठ कर एहसास हुआ तुम मेरा हाथ पकड़े हो अरे तुमने हाथ पकड़ा है मेरा ये कब ? तुम तो अक्सर मेरे हाथ पकड़ने पर कैसे आँखे दिखती थी में तो डर सा जाता था।
वो यूँ ही बेवजह तुम्हरा कोचिंग ओर मेरा कॉलेज bunk मार के घंटो सड़को पर घूमना । किसी लड़के के कुछ बोलने पर तुम्हारा यूँ पलट के जवाब देना सच बोलू तो में तो डर ही जाता था । ये लड़की पक्का पिटवायेगी।
तुम्हारी ये दूरियां रास न आती है मुझको इसलिए आज फिर उन रास्तो पर निकला हूँ जिन रास्तों पर हम पहली बार मिले थे और हाँ आज हम फिर से सफेद शर्ट में थे।
उस दिन तुम्हारा जन्मदिन था और तुमने बतया भी ना था पता है बिना तोहफे के पहुँजना कितना अजीब लगता है बाद में कितना बुरा लगा था हमको।
जाने दो आगे सुनो
आज ना जाने क्यों उस रास्ते के हर कदम पर ऐसा लगा तुम मेरे कदम से कदम मिला कर चल रही हो।
उस रास्ते से वापस आज भी अकेले आने कि हिम्मत बड़ी मुश्किल से हुई डर था शायद तुम न साथ हो ।
तुम्हारा वो park में मस्ती करना यूँ ही तुम्हारा बेवजह परेशान करना लेकिन आज कुछ सुना सा था वो पार्क शायद तुम जो ना थी। हाँ दूर पड़ी उस bench पर जहाँ तुम general knowledge के question पूछती थी उस पर बैठ कर एहसास हुआ तुम मेरा हाथ पकड़े हो अरे तुमने हाथ पकड़ा है मेरा ये कब ? तुम तो अक्सर मेरे हाथ पकड़ने पर कैसे आँखे दिखती थी में तो डर सा जाता था।
वो यूँ ही बेवजह तुम्हरा कोचिंग ओर मेरा कॉलेज bunk मार के घंटो सड़को पर घूमना । किसी लड़के के कुछ बोलने पर तुम्हारा यूँ पलट के जवाब देना सच बोलू तो में तो डर ही जाता था । ये लड़की पक्का पिटवायेगी।
ओर शाम को वापस होस्टल लौटते समय तुम्हरा फोन पर दिन भर की बातों पर discussion करना ओर सोचना कल bunk मरना है या नही।
आज शाम को जब वापस लोटा तो फोन पर कोई नही था ना कोई bunk का प्लान था होता भी कैसे ना अब कॉलेज था ना तुम जो पास थी।
शायद थोड़ी समझदारी आ गयी थी या फिर ये जो दोस्ती थी मोहब्बत बन गयी थी जिसमे खुद अकेले नही एक दूसरे को साथ ले कर आगे चलना था ।
बस ये दूरियों की मोहब्बत ज़रा तड़पने सी लगी थी।
तेरी हर मुशीबत में शायद अभी मे साथ ना हूँ लेकिन महसूस करना तेरे हाथ मेरे हाथ मे होगा ।
इन दूरियों के सफर में भी तेरा साथ हमेशा रहता है।
आज शाम को जब वापस लोटा तो फोन पर कोई नही था ना कोई bunk का प्लान था होता भी कैसे ना अब कॉलेज था ना तुम जो पास थी।
शायद थोड़ी समझदारी आ गयी थी या फिर ये जो दोस्ती थी मोहब्बत बन गयी थी जिसमे खुद अकेले नही एक दूसरे को साथ ले कर आगे चलना था ।
बस ये दूरियों की मोहब्बत ज़रा तड़पने सी लगी थी।
तेरी हर मुशीबत में शायद अभी मे साथ ना हूँ लेकिन महसूस करना तेरे हाथ मेरे हाथ मे होगा ।
इन दूरियों के सफर में भी तेरा साथ हमेशा रहता है।
तेरी वो उम्मीद हमेशा रहती है की फिर वो शाम होगी फिर वो सुबह के रास्ते होंगे बस ये जो मोहब्बत ना होगी बस एक रिस्ते से जुड़ी दोस्ती होगी।
ये मंजिल ना जाने कब मिलेगी बस तुम मेरी हमसफर जरूर बनोगी मेरी आखरी मंजिल तक मेरे साथ होगी।
वैसे एक बात बोलू...
ये मंजिल ना जाने कब मिलेगी बस तुम मेरी हमसफर जरूर बनोगी मेरी आखरी मंजिल तक मेरे साथ होगी।
वैसे एक बात बोलू...
यूँ न उदास हो साथ ना चलने पर...
में बस इतना समझता हूँ कि में तुमको समझता हूँ।।
Ur bottom heart love
में बस इतना समझता हूँ कि में तुमको समझता हूँ।।
Ur bottom heart love
ये खत है बस जरा पहुँज जाना उन मोहब्बतों के पास जो मजबूरियों से दूर है बस मंजिलो से साथ ।
मेरे इस खत के जवाब का इंताजर रहेगा तेरे होठो की हँसी के साथ।
मेरे इस खत के जवाब का इंताजर रहेगा तेरे होठो की हँसी के साथ।
....thank you....
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nice
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